मड़ियाहूं। भारतीय सेना के अधिकारी कर्नल शैलेन्द्र सिंह सोलंकी को डोगरा रेजिमेंट की पांचवीं बटालियन की कमान सौंपी गई है। सोनवानों (सोलंकी राजपूतों) के उस क्षेत्र से जो यू.पी.एस.सी में रिकॉर्ड स्थापित करते हुए भारी संख्या में स्थान हासिल करने के लिए पूरे देश में विख्यात है और जहाँ का हर छात्र यू.पी.एस.सी के ही सपने देखता है।मड़ियाहूं नगर के भंडरिया टोला मोहल्ले के निवासी और दिवंगत प्राचार्य रामधनी सिंह और श्रीमती तारा सिंह के छोटे सुपुत्र शैलेन्द्र ने अपने लिए कुछ अलग ही लक्ष्य चुना और अपनी प्रारंभिक शिक्षा सेंट जेवियर्स स्कूल मड़ियाहूं से पूरी करने के पश्चात प्रदेश के प्रतिष्ठित यू पी सैनिक स्कूल से 12 वी तक शिक्षा प्राप्त की। इसके बाद इलाहाबाद विश्वविद्यालय से स्नातक की उपाधि के साथ साथ एन सी सी का ‘सी’ सर्टिफिकेट प्राप्त किया। इसी दौरान राजपथ पर गणतंत्र दिवस की परेड में शामिल होने के साथ ही कई देशों की यात्रा करने का अवसर भी प्राप्त हुआ। चेन्नई के ऑफिसर्स ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट से सेना में बतौर लेफ्टिनेंट भर्ती होकर देश के सुदूर क्षेत्रों में पोस्टिंग के साथ शैलेन्द्र ने संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन में काँगो में भी एक वर्ष सेवा दी। वर्ष 2016 में जम्मू कश्मीर के शोपियां जिले में राष्ट्रीय रायफल्स में पोस्टिंग के दौरान उन्हें आतंकवादी मुठभेड़ में सफल अभियान के लिये प्रतिष्ठित वीरता पुरष्कार ‘सेना मेडल’ से भी नवाजा गया। हाल ही में चीन से हुई सैन्य गहमागहमी में शैलेन्द्र को बतौर लेफ्टिनेंट कर्नल बॉर्डर पर 5 डोगरा बटालियन की अस्थायी कमान सम्हालने का आदेश मिला जिसके बाद इसी महीने कर्नल के रूप में पदोन्नति के साथ ही इन्हें बटालियन की स्थायी कमान भी मिल गयी। इसी वर्ष सेना दिवस पर सेनाध्यक्ष जनरल नारावने द्वारा उन्हें उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए प्रशंशापत्र भी प्रदान किया गया। इनकी सफलता को लेकर परिवार , इष्टमित्रों और पूरे क्षेत्र में हर्ष व्याप्त है।